जब तुम हँसती हो तो लगता है जैसे घर के सामने लगा गुलाब की कली खिल कर फूल बन गया है.. जब तुम देखती हो एक टक तो जैसे लगता है ध्रुव तारा चांद को निहार रहा है.. जब तुम दिन भर के उछल कूद से थककर शाम को बेड पर आँख बंद करके लेट जाती हो तो लगता है जैसे कोई नवजात शिशु सो रहा है.. याद है जल्दी सो जाने पर जब तुम्हारी रात को नींद खुल जाती थी तो तुम मुझे कॉल करके कहती थी यहां मैं सो नहीं पा रही और खुद खर्राटे लगा रहे... ये मोहब्बत नहीं तो क्या था.. अगर मोहब्बत ना थी तो क्यों आज भी तुम्हारे फोन मे मेरा नंबर सेव है? सुनो चश्मिस लौट आओ ना मैं आज भी तुम्हारा उतना हूं जितना पहले था||😢 #ख्याली_पुलाव ❤️ ©Atharv S ख्याली पुलाव ❤️ #OneSeason