फिर से ये सुन्दर नजारे दिखे... नदियो के फिर से किनारे दिखे.... वन उपवन भी साथ दिखे...... खेत खलिहान भी जाग दिखे.... कही मोर के थिरकते ताल दिखे.... तो धूप -छाँव भी साथ दिखे..... अब इन नदियो का पानी भी स्वच्छ दिखे.... ये आसमाँ भी साफ दिखे.... कही चहकती ये चिड़िया दिखे..... कही हँसती हुई अब ये गलियाँ दिखे..... सूने पडे ये बाजार दिखे... तो प्रकृति का भी एक नया श्रृंगार दिखे... इन वृक्षो के होठो पर मुस्कान दिखे.. इन ठंडी पवनो को आराम दिखे... अब मानवता का साथ दिखे.... इन अंधेरो को उजाले का एक नया आगाज दिखे ....... -अंजली पाराशर प्रकृति 🍀🍀 #lockdown#nojotohindi#nojotopoetry#nojotoofficial#poetry #poem #nojotovoicepoetry #wod