जो लोग गाँव में हैं शहर भर में नहीं हैं दरिया में मछलियाँ हैं समंदर में नहीं हैं ख्वाबों में मिल गए तो मिल ही जाएंगे वरना हम जागती आँखों के मुकद्दर में नहीं हैं #nkbdiary