हर रात चाँद के दीदारों से, आसमाँ के अनगिन सितारों से, अपनी इतनी अनबन क्यों है,खुद की खुद से उलझन क्यों है, दिल अपना उस आसमान के टूटे तारे जैसा है, जब तक दिखता सैर लगाये फिर गुम सा हो जाता क्यों है॥ @बृजेन्द्र 'बावरा, https://www.facebook.com/bawraspoetry/ #NojotoQuote #चांद #तारे #अनबन #उलझन #nojotohindi #bawraspoetry