Home and Mother जब भी ज़िन्दगी मुझे परेशान करती है मेरी माँ की दुआएं मेरी ढाल बनती है मुसीबतें आती तो है चौखट तक मेरे मगर आकर के दरवाजे पर बेहाल होती है Poetry Stage Poetry Stage