वृक्ष धरा के भूषण है करते दूर प्रदूषण है। हम सबको भाते हैं वृक्ष हरियाली लाते हैं वृक्ष। पत्थर खाकर भी फल देते हवा के विश्व को ये हर लेते। प्राण वायु हर पल ये देते फिर भी हमसे कुछ ना लेते। क्या दुनिया में कोई भी पेड़ों सा हितकारी है बिना स्वार्थ के सब कुछ देते पेड़ बड़े उपकारी है। उपकार मारना दूर ये मानव कितना अत्याचारी है काट-काट के पेड़ों को खुद पर ही कुल्हाड़ी मारी है। ©Puneet #desert #treesave #tree #treesafe #Life #poem