एहसान दर्द की बारिश देकर होठों को दो पल की मुस्कुराहट का छाता क्यों लगाते हो। ज़ख्म देकर हमें दर्द _ए _दिल का, ये इश्क़ का मरहम अब क्यों लगाते हो। खा खा के मेरे सिर की झूठी कसमें ये दो चार वादे क्यों निभाते हो। रुलाना ही है बार बार तो चुटकुले क्यों सुनाते हो। दर्द ही देते हो तो प्यार क्यूं जताते हो। जिंदगी तो हमें अकेले ही जीनी है तुम बिन फिर ये दो चार पल का अहसान क्यों जताते हो। __pratibha's writting ❣💚❣💚❣💚 अहसान #nojoto #nojoto हिंदी #लव quotoes ❣❤❣❤❣❤ ✍✍✍✍✍🌸🌸🌸🌸