मिलना बिछड़ना लगा रहता जिंदगी में। कमी न रहे कभी, आपसी रज़ामंदी में ।। जो भी घड़े सही है, मगर घड़े प्यार से। इक दिन सबको रुख़सत होना संसार से ।। घड़ी घड़ी फ़ितरत बदलना अच्छा नहीं । किसी को कुछ न समझना अच्छा नहीं ।। वक़्त के साथ-साथ सभी कुछ बदलता है । सुजान ही शख्सियत कायम रख सकता है ।। दुःख सुख सभी को मिलते नाना प्रकार के । भवसागर से तर ना सकते बग़ैर पतवार के ।। याद रहे हर वो शख्स जो कभी पतवार बना । दूसरों की मदद करने के लिये ही इंसान बना ।। #mywordmyquotes #YourQuoteAndMine Collaborating with Alok Gupta ⭐