पल विपल के अवकाश में मैं भी अपने घर आ सकूँ निःसंक और आश्वस्त हो प्रिय अंक में समा सकूँ आँचल में अपने दीप धर राह तुम्हारी तका करूँ तुमको हो मेरी सुधि अहो! लौटो जो मुझ तक घर कहो इस सांध्य चन्द्र की छाँव में पग चाँदनी की पैजनी और स्वप्न सरस नेह के बन नैन में बसे रहो #toyou #yqmoon #yqwanderings #yqlove #yqpeace #yqhome