कहानी भाग २ कहना चाहता था अब मेरे बोलने के बीच में कार के AC की भरभराहट मुझे परेशान कर रही थी सभी विवादों के बीच में पढ़ाई सबसे पहले अवरुद्ध हो गई थी देश की उस बड़ी आवादी के बीच मे खो जाने का डर भी लग रहा था जिसकी गणना भारत सरकार ने बेरोजगारी का सर्वे बंद करा कर दी थी! मै खुद को small town सा महसूस तो कर रहा था मगर उसे मैट्रो की संजा देना नही चाहता था! जो कई स्टेशनों से गुजरती है अगर मैट्रो कहूं तो अब किसी दूसरे स्टेशन पर जाती थी और मै भूगोल की कक्षा मे बैठकर मैट्रो और स्टेशन के बीच के संबंध का विश्लेषण करने लगा और अपने जाल में खुद ही फसता गया 2 घंटे बीत गए कक्षा खत्म होने के बाद सोने का पूरा मूड बनाकर निकल पड़ा लेकिन कार को देखकर माफ़ी मांगने और सफाई देने का मौका ढूंढने लगा 20-20 बार फोन का जवाब उसने जब नहीं दिया तो निराश होकर उसके आखरी कही बात को सोचने लगा "किसी और से भी बात खत्म करनी है" निराश होकर फिर फोन किया इस बार उसने 10-15 मिनट मे आने की बात कही एक कहानी और कुछ भी नहीं २