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राजा धृतराष्ट्र है भिष्म फिर से मौन है लोकतंत्र की

राजा धृतराष्ट्र है भिष्म फिर से मौन है लोकतंत्र की हत्या हो रही है विधायक निवास में,
आजादी के जश्न मनाउं भी तो कैसे फुट पात पे आ गए हैं घर की तलाश में।
आजादी अभी अधूरी है स्वर्णों के लिए।

©Manvi  Singh Manu विचार मंच
राजा धृतराष्ट्र है भिष्म फिर से मौन है लोकतंत्र की हत्या हो रही है विधायक निवास में,
आजादी के जश्न मनाउं भी तो कैसे फुट पात पे आ गए हैं घर की तलाश में।
आजादी अभी अधूरी है स्वर्णों के लिए।

©Manvi  Singh Manu विचार मंच