कहते हैं लोग ग़ाफ़िल है ,मेरा इश्क़ पर किताब की नई जिल्द है, मेरा इश्क़ जो समझे है काफ़िर हूँ मैं इश्क़ में, पर सच ये है कि साबिर है मेरा इश्क़। ✍महफूज़ साबिर इश्क़