"कल्पना" वो कल्पना है मेरी, वो एक खूबसूरत सी ख्वाब है मेरी।। वो दिन है मेरी, और वो ही रात मेरी, वो साथ है मेरी, वो हर लफ़्ज़ों की बात मेरी।। जिसे मैंने कभी नहीं देखा इन आँखों से मेरी, बेशक होगी वो एक खूबसूरत सी परी। जिसे मैंने कभी नही सुना इस कानों से मेरी, बेशक उसकी आवाज़ होगी हरियाली सी भरी।। जिसे मैंने महसूस किया हर घड़ी, चलती हवाओँ सी वो आस पास होगी मेरी।। जो धूप की किरणों सी सताएगी कभी, जो पेड़ की छाव सी सुकून दिलाएगी कभी।। नहीं पता तू कैसी होगी, इन हवाओं की तरह, इन बारिशो की तरह, पर पास मेरे हर साथ होगी। #Love #Assumption