यू चलते-चलते रासते न भटक जाना दुःख मे साथ दिया जिसने उसे भूल न जाना। रासते जो थामे है तुमने वो ठीक तो है मंजिल को पाते-पाते खुद को भूल न जाना। चंद्रेश बिन्द..✍ #चंदूडायरी #भूल