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स्नेह थोड़ी है गमगीन जिंदगी कोई इसे संवार दो है इज

स्नेह
थोड़ी है गमगीन जिंदगी कोई इसे संवार दो
है इजाजत गर मुझे, तो फूलों सी बहार दो

बंजर पड़ी मेरी खेती कोई पानी की इक धार दो 
है इजाजत गर मुझे, घन सी कोई बौछार दो 

बिखरी पड़ी है मेरी जुल्फें कोई इन्हें संवार दो
 है इजाजत गर मुझे, तो इनको थोड़ा प्यार दो

मोहब्बत में शर्त नहीं, चाहो तो तुम नकार दो
है इजाजत गर मुझे, तो मां के जैसा दुलार दो

खोफ ना हो जिंदगी में , खुशनुमा संसार दो
है इजाजत गर मुझे तो, प्यार का  परिवार दो

©Shayra mahi
  स्नेह  Kundan Dubey Mamta Bharti... "सीमा"अमन सिंह Mr Ismail Khan (गुमनाम राइटर) Anuj Bhandari #बेनाम_अल्फ़ाज़