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इश्क़ की स्याही में डुबोकर, लिखता हूँ जज़्बात..! तुम

इश्क़ की स्याही में डुबोकर,
लिखता हूँ जज़्बात..!
तुम समझते क्यों नहीं,
आखिर मेरी बात..!
मैं हूँ माना काँटा बेशक़,
पर उगेगा तो फूल कभी..!
शूल बन कर जीना नही,
खिलना है बन इश्क़ की सौगात..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #GuzartiZindagi #ishqkisyahi