बिखर सके तो बिखर जा मेरी तरह तु भी मैं तुझ जितना समेटूं तु उतना जोड़ मुझे कली बना के खिला और फूल सा महका महक उठू तो हवा पती- पती तोड़ मुझे।। ❤❤