किसी ने हमसे कहा महफ़िल इतनी सजी है फिर आप कहाँ गुम हो, तो मैंने कहा जब चोट मेरे दिल पे लगी है। तो ट्रेन के नीचे कटने से क्या होगा, घरवालों के दर्द का अहसास तुम्हें क्या होगा। जब घरवालों का दिल रो रहा हो तो , उस बेबफा लङकी के हंसने से क्या होगा।। तब उसने भी समझाते हुए कहा जो लम्हा खूशी दे उसे याद कर दर्द का न अहसास कर ये जिन्दगीं घरवालों के लिए है इसे न उस बेबफा लङकी के लिए बर्बाद कर ।। v.k हँसकर जी अपने माता-पिता के लिये जो तेरे रोने से दुखी हो जायेंगा