ऑफिस के बीच उसका फोन आता है और वो कहती है, नाराज़ हो क्या मुझसे? मैं कहता हूं, ऐसा क्यों लगा तुम्हें वो धीरे आवाज़ में कहती है तो फिर जाते वक़्त माथा क्यों नहीं चूमा? मैंने कहा, तुम याद भी तो दिला सकती थी वो कहती है मैं अाई थी रुमाल देने बाहर और खड़ी भी रही कुछ देर तुमने मेरा प्यार भी तो आंखों से पढ़ा था फिर ये क्यों नहीं अब मैं क्या बोलूं....? अब मैं क्या बोलूं ?