मका नही अरमा बड़े है आज नही बरसो से चले है।। नब्ज नही दो सांस लिए है थोड़ा नही टूटकर जिये है।। आवाज नही बात लिए है गूंज नही पर जोर दिए है।। आग नही शमा लिए है बुझे नही जला आए है।। गम नही ज्जबात लिए है बूंद नही समुंदर तक बहे है।। आज नही कल जो रहे है गैर नही अपने ही रहे है।। मान नही स्वाभिमान लिए है झुके नही गिरा आए है।। शब्द नही इतिहास लिए है पढ़े नही रचा आए हैं।। कल नही आज निकले है जीते नही पर खूब लड़े है।। साथ नही खुद निकले है मंजिल नही रास्ते बदले है।। गम नही ज्जबात लिए है, बूंद नही समुंदर तक बहे है... #yqbaba #yqdidi #unsaid #burningsoul #life #inspiration