मैंने कहा- जमाने को बता दें,हम प्यार में हैं वो बोली - धत्! ऐसे भी कोई बताता है तो फिर,क्या करें ? - मैंने पूछा वो बोली- चलो,शुरुआत हम ही कर दें! 🌹 मैं तेरे इश्क़ में मर न जाऊँ कहीं तू मुझे आज़माने की कोशिश न कर! ~ आनंद बख्शी अब कृष्ण चंदर साहब की पंक्तियों के बाद अनुशीर्षक में कुछ भी लिखना बेईमानी होगी। चित्र स्रोत : हिंदी पंक्तियाँ का इंस्टाग्राम पेज 'hindi_panktiyaan'