शिकवा करने गए थे और इबादत सी हो गई… तुझे भुलाने की जिद थी मगर तेरी आदत सी हो गई इधर फ़लक को है ज़िद बिजलियाँ गिराने की उधर हमें भी है धुन आशियाँ बनाने की #zid#zidjitneki#zidkrnajarurihai#dinzidiihaiziddihai#diltoziddihai