नवरात्रि के साथ पूरे देश में उत्साहित माहौल शुरू हो जाता है इस दौरान गरबा खेलने के पीछे एक दर्शन है यह लय और ताल का सामंजस्य है इसी में ही छुपा है जीवन का फलसफा जिसे तरह से गरबा खेलने के दौरान पता होता है कि कब कदम आगे बढ़ाना है कब रोकना है और कब किस के इंतजार में खड़े रहना है यही कदमताल जीवन में भी आगे चलकर दिखाना होता है तभी जीवन सार्थक होता है अन्यथा सही कदम ताल ना होने के कारण कई जगह जीवन बर्बाद हो जाता है गरबा खेलने में दार्शनिक को तलाशना थोड़ा हास्यास्पद लग सकता है पर जीवन को दूसरे नजरिए से देखना वालों के लिए किसी दर्शन से कम नहीं इसके दर्शन को वही समझ सकता है जिन्हें गरबा खेला है जीवन में अक्सर विपदा आती ही रहती है हमें समझते हैं कि आखिर यह भी बताएं हमारे जीवन में ही क्यों आती है अब जरा कामयाब लोगों की जिंदगी को देखें तो समझ में आ जाएगा कि उन्होंने सारी पेपर अदाओं का मुकाबला करने में खुद को तैयार किया मुसीबतों में भी उन्होंने आगे बढ़ने का हौसला जुटाया इन्हीं मुसीबत से उन्हें सीखने की कब क्या करना चाहिए अवसर तो सभी को मिलता है लेकिन कामयाब वही होता है जो अवसर को समझ कर आगे कदम बढ़ाता ©Ek villain #गरबे में छुपा जीवन का दृश्य #cloud