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आज का विचार जवानों को लड़ते कई जंग मैनें देखे हैं

आज का विचार

जवानों को लड़ते कई जंग मैनें देखे हैं,
तिरंगे में तीन नहीं,पांच रंग मैंने देखे हैं ।

जवानों की शहादत की मिशाल क्या दूं,
जिस्म में लिपटे तिरंगे, संग मैंने देखे हैं।

आज के नौजवानों का जुनून ठंडा है,
कई करतब इनके बेढंग मैंने देखे हैं।

आज़ादी का जश्न जो मना रहे आज हम,
कितनी जमीनों पे लहू के रंग मैंने देखे हैं।

काफिरों के सर जिसने धड़ से अलग किए,
सरहदों पर वो जवान, मलंग मैंने देखे हैं।

©कवि शिवा "अधूरा" #वीर_जवान #लहू 

#Independence
आज का विचार

जवानों को लड़ते कई जंग मैनें देखे हैं,
तिरंगे में तीन नहीं,पांच रंग मैंने देखे हैं ।

जवानों की शहादत की मिशाल क्या दूं,
जिस्म में लिपटे तिरंगे, संग मैंने देखे हैं।

आज के नौजवानों का जुनून ठंडा है,
कई करतब इनके बेढंग मैंने देखे हैं।

आज़ादी का जश्न जो मना रहे आज हम,
कितनी जमीनों पे लहू के रंग मैंने देखे हैं।

काफिरों के सर जिसने धड़ से अलग किए,
सरहदों पर वो जवान, मलंग मैंने देखे हैं।

©कवि शिवा "अधूरा" #वीर_जवान #लहू 

#Independence