अब इन खाली सड़कों पर सबकुछ खाली सा लगता है। ना ईद ईद सी लगती है ना ये त्यौहार दिवाली सा लगता है। और टूट रहा हूं जब से खुद में सबकुछ जाली सा लगता है। अब इन खाली सड़कों पर सबकुछ खाली सा लगता है। मेरी मुस्कुराहटें लापता है मेरी हँसी का खोज नहीं है। ग़म की वर्षा रोज होती हैं बाकि कुछ भी रोज नहीं है। अब तो मुझको इस बाग का खोया माली सा लगता है। अब इन खाली सड़कों पर सबकुछ खाली सा लगता है। ना ईद ईद सी लगती है ना ये त्यौहार दिवाली सा लगता है। और टूट रहा हूं जब से खुद में सबकुछ जाली सा लगता है। अब इन खाली सड़कों पर सबकुछ खाली सा लगता है। ©Sandip rohilla #sad_quotes Niaa_choubey Shilpa Yadav Asha...#anu Ramjeet Ashi Writes