गलतियां गिना सकता हूँ मैं भी , एहतराम करता हूँ सो गिनाता नहीँ हूँ .... दिल में दर्द हैँ चाहे हजारों , पर चेहरे पर शिकन लाता नहीँ हूँ ..... दुनीआ की तरह झूठ मूठ हंस सकता हूँ , चेहरे पर झूठी हंसी लाता नहीँ हूँ ........ यूँ तो ललक है आसमां को छू लूँ , कुछ सोच कर हाथ बड़ाता नहीँ हूँ ..... Ehtram