आज-कल ये आज कल का रोना हैं कुछ करना नही सब बहाना है जिंदा रहना ही जिंदगी नही कल आज को अब बदलना है बदल के जिंदगी को आज कल को हमे संवारना हैं सो चुके हैं हमने जितना सोना था अब जाग के कुछ करना है चुप हमने बहुत रहे हैं आवाज़ बुलंद अब करना है सोशान और अत्याचार से जुल्मो के कई गददर से बहुत हुआ ये सहना हैं कल आज को हमे बदलना है प्रकास कि सही तलाश कर जिंदगी और जीवन को ताक कर उच्च विचारों से हमे जीना है इंसान बन और इंसानियत का आगे काम हमे करना है कल आज को बदलन है हमे नेक इंसान बनना हैं विचार को अपने संवारना हैं #Aajkal