अभिशापित आघातों से ज़हर बुझी कुछ बातों से निष्प्राण पड़े हैं मेरे स्वप्न― पिछली पन्द्रह रातों से ©Ghumnam Gautam #निष्प्राण #स्वप्न #अभिशापित #आघात #ज़हर #ghumnamgautam