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काली पहाड़ के एक छोटे से गांव में रहता था जो शहर से

काली पहाड़ के एक छोटे से गांव में रहता था जो शहर से काफी दूर था उसके गांव में मुश्किल से तीन-चार परिवार रह रहे थे बाँकी शहर जा बसे थे।
काली को उम्मीद थी इस दफा मौसम उसका साथ देखा और फसल अच्छी कटेगी और उसके साल के दिन भी।फिर बारिश हुई,लेकिन इतनी घनघोर थी कि काली के दो खेत बह गए।
काली अगले दिन खेतों का जायजा लेकर भगवान को कोस ही रहा था कि पास खड़े चंदू ने बोला
"सरकार बहे खेतों का मुआबजा बाँट रही है एक खेत का दस हजार तुझे बीस हजार मिल जाएंगे बस तहसील में आधार कार्ड दिखाना होगा"।
अगले दिन काली चंदू के साथ तहसील गया।बाबू ने रजिस्टर पर उसके अंगूठे की छाप लेकर जेरोक्स जमा कर ली।
तहसील से आये कई दिन हो गए लेकिन मुआबजे की कोई खबर नहीं थी काली कई बार चंदू के फ़ोन से तहसील ऑफिस फ़ोन कर चुका था पर वाजिब जवाब नहीं मिल रहा था।
इसी बीच चंदू शहर जा रहा था काली ने चंदू को मुआबजे का पता करके आने को बोला।देर शाम चंदू लौटा,काली उसके घर पता करने गया चंदू बोला "मुआबजा रद्द हो गया है सरकार को इस गाँव से कोई फायदा नहीं था यहाँ वोट कम हैं तो मुआबजा रद्द कर दिया"।
काली उदास घर वापस लौट ही रहा था कि उसे याद आया उसका गमछा चंदू के घर छूट गया है वो मुड़ा और चंदू के दरवाजे पर पहुँचा ही था कि उसने सुना
"बेवकूफ काली मान गया हम पैसे बाँट लेंगे"

काली मुस्कुराया और लौट आया उसे मुआबजा मिल चुका था!
-KaushalAlmora


 

 


 सीरीज १, शीर्षक: मुआबजा#लघुकथा #मुआबजा #yqbaba #yqdidi #yqdiary
काली पहाड़ के एक छोटे से गांव में रहता था जो शहर से काफी दूर था उसके गांव में मुश्किल से तीन-चार परिवार रह रहे थे बाँकी शहर जा बसे थे।
काली को उम्मीद थी इस दफा मौसम उसका साथ देखा और फसल अच्छी कटेगी और उसके साल के दिन भी।फिर बारिश हुई,लेकिन इतनी घनघोर थी कि काली के दो खेत बह गए।
काली अगले दिन खेतों का जायजा लेकर भगवान को कोस ही रहा था कि पास खड़े चंदू ने बोला
"सरकार बहे खेतों का मुआबजा बाँट रही है एक खेत का दस हजार तुझे बीस हजार मिल जाएंगे बस तहसील में आधार कार्ड दिखाना होगा"।
अगले दिन काली चंदू के साथ तहसील गया।बाबू ने रजिस्टर पर उसके अंगूठे की छाप लेकर जेरोक्स जमा कर ली।
तहसील से आये कई दिन हो गए लेकिन मुआबजे की कोई खबर नहीं थी काली कई बार चंदू के फ़ोन से तहसील ऑफिस फ़ोन कर चुका था पर वाजिब जवाब नहीं मिल रहा था।
इसी बीच चंदू शहर जा रहा था काली ने चंदू को मुआबजे का पता करके आने को बोला।देर शाम चंदू लौटा,काली उसके घर पता करने गया चंदू बोला "मुआबजा रद्द हो गया है सरकार को इस गाँव से कोई फायदा नहीं था यहाँ वोट कम हैं तो मुआबजा रद्द कर दिया"।
काली उदास घर वापस लौट ही रहा था कि उसे याद आया उसका गमछा चंदू के घर छूट गया है वो मुड़ा और चंदू के दरवाजे पर पहुँचा ही था कि उसने सुना
"बेवकूफ काली मान गया हम पैसे बाँट लेंगे"

काली मुस्कुराया और लौट आया उसे मुआबजा मिल चुका था!
-KaushalAlmora


 

 


 सीरीज १, शीर्षक: मुआबजा#लघुकथा #मुआबजा #yqbaba #yqdidi #yqdiary
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