हर एक शख्स समय का गुलाम होता है कभी तिनका भी उड़ता आसमान होता है . हमने देखा है उन्हें फुटपाथ पर सोते हुए जिनका शहर में बड़ा सा मकान होता है. नसीब न हुई दो गज़ ज़मीन भी जिसे उनका लाखों का बकाया लगान होता है. पकड़ कर रक्खी है जिसने भी जमी अपनी उन्ही बुलंदियों का कायल जहान होता है. बह जाती है समंदर में कतरा बनकर ऊँचाइयाँ कि जिनमे गुमान होता है. जिनके जूनून को झुठलाते रहे आजीवन उन्ही की खोज का यारों सम्मान होता है. वो की जिसने ढूँढ़ ली रहगुज़र अपनी तुम्हारी ही खूबियों वाला इंसान होता है. धर्म पर दो-चार बातें तुम भी करना सीख लो आजकल हर कथा वाचक भगवान होता है भला तुम किस खेत की मूली हो बड़ा वक्ता भी कभी – कभी बेज़ुबान होता है. ©VINAY PANWAR 🇮🇳INDIAN ARMY💕💕 Neha Nautiyal