ये लड़की है जो लड़ती है सुबह हो शाम, करना नहीं आराम मुझसे भी चाहे हरपल उतना ही काम ना नुकुर किया तो घर में मचे संग्राम जीना मुश्किल हो जाए अगर बिगाड़ा काम चीख-चिल्लाकर आखिर खुद ही संवारती है ये लड़की है जो लड़ती है सपने हमेशा वही दिखाए तरक्की के ढेरों ख्वाब सजाए लड़-लड़कर मंजिल की राह बताए गर न सुनूं तो भिड़कर समझाए देखो न, जीतने की ललक अजब है ये लड़की है जो लड़ती है "देव" #Heart #Hindi #Poetry #kavita for #wife