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White झूठी हँसी का नकाब पहने रहता था चेहरा मेरा

White  झूठी हँसी का नकाब पहने रहता था चेहरा मेरा 
हकीकत वो भी न देख सका जो करीब था मेरा 

मैं चीज़ था ईस्तेमाल की ईस्तेमाल होता रहा 
न जाने किस कलम से लिखा नसीब था मेरा

दिल दरियां मे दर्द के आँसू भरे रहे 
कहां किसी का कोई दिल से रिश्ता था मेरा 

याद मुझे वो रखता क्या पूछता क्या मेरा हाल 
भुलाया गया कहानी से कोई किस्सा था मेरा 

लगकर एक चेहरा चेहरे पर जाता हूँ महफ़िल में 
ढूंढता रहा कहीं मिल जाए जो हिस्सा था मेरा

©Ravikant Dushe
  #Sad_shayri  Sangeet...  Sharma_N  Parul (kiran)Yadav  Neel  vineetapanchal