अश्रु अभ्यागत बने याचना अनुरक्त है धैर्य संयम खो रहा अब सलिल हृदय क्यों मौन है।। प्रीति #निशीथ: अर्द्ध रात्रि #अनुताप: पश्चाताप, खेद #सलिल: जल #अभ्यागत: अतिथि #yqdidi #yqhindiquotes