साथी मेरे ग़मगीन दिल का, यह कलम निभा रही है हौले हौले से मेरे ज़ख़्म पर, मरहम यह लगा रही है कलम का साथ ऐसा यह जैसे दीप संग बाती रही है हर एहसास संग मित्रता अपनी ये ❤️ निभा रही है ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1001 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।