आज की शिक्षा शिक्षा को मत बनाओ, मनोरंजन का साधन किताबों की दुनिया थी कितनी रंगीन सूख गई है ,कलमों की स्याही सोसल-साइड से हम हो गए हैं तंग शिक्षा होती जा रही है भंग ।। शिक्षा को मत बनाओ, मनोरंजन का साधन पाठ-शाला का श्याम पट। गुरु की वाणी खो गई हो रही है अब,ऑनलाइन पढ़ाई काग़ज, कलम सो गई सभ्य शिक्षा खो गई गुरु का सम्मान टूट रहा विद्यालय से रिश्ता छूट रहा ।। शिक्षा को मत बनाओ, मनोरंजन का साधन गुरु की छड़ी अब लगती नही । मोबाइल से हमे पढ़ना नही शिक्षा है अधिकार हमारा शिक्षा है अधिकार हमारा ।। -शशी द्विवेदी आज की शिक्षा