..... जीवन एक नदी की धारा कहीं पर उथला कहीं पर गहरा खिले हैं कमल दल कोमल सुकोमल सुकुमारी जीवन यात्रा आरंभ नवीनतम विचार नए एहसास भरे जर्र जर्र में महक रहा रोम रोम पुलकित हो रहा