तुम बुझाओ दिए मैं फिर से दिए जलता रहूंगा, बड़ा ढीट हूं थोड़ा बुरा भी, एक एक कर अंधेरा मिटाता रहूंगा। क़िस्मत खेले खेल कितने, जतन करे मुझे हराने को, अरे ऐसे कैसे मैं घबरा जाऊं, एक एक कर मंजिल को पाता रहूंगा। बहती हवा के संग उड़ने की है ख्वाहिश, मिले गम जितने भी, सब हवा में उड़ाता रहूंगा। उम्मीदें हैं ख़ुद से भरोसा भी है, विजयी हूं, अथक विजय के गीत गाता रहूंगा। ©*saras* #andhera #गम #गीत #विजयी #Hindi #Nojoto