#JallianwalaBagh महाभारत: स्त्री पर्व अध्याय: श्लोक 38-44 N S Yadav......
{Bolo Ji Radhey Radhey}
📗 नरेश्वर। विशाल नेत्रों वाली कुन्ती ने शोक से कातर हो रोती हुई द्रुपदकुमारी को उठाकर धीरज बंधाया और उसके साथ ही वे स्वयं भी अत्यन्त आर्त होकर शोकाकुल गान्धारी के पास गयीं।
📗 उस समय उनके पुत्र पाण्डव भी उनके पीछे-पीछे गये। वैशम्पायनजी कहते हैं- जनमेजय। गान्धारी ने बहू द्रौपदी और यशस्विनी कुन्ती से कहा- बेटी। इस प्रकार शोक से व्याकुल न होओ।
📗 देखो, मैं भी तो दु:ख में डूबी हुई हूं। मैं समझती हूं, #पौराणिककथा