Nojoto: Largest Storytelling Platform

तू मेरे हिस्से न आया ग़रीबी ही समझो, तेरी

तू  मेरे  हिस्से  न  आया  ग़रीबी  ही  समझो, 
तेरी  याद  ही  आईं  खुशनसीबी  ही समझो! 

तू अजनबी कहता है नासमझ अब भी मुझको, 
पिया है ज़ाम  साथ  में  तो हबीबी ही समझो!

©अनुराग "सुकून" हबीबी= प्रिय, Dear
तू  मेरे  हिस्से  न  आया  ग़रीबी  ही  समझो, 
तेरी  याद  ही  आईं  खुशनसीबी  ही समझो! 

तू अजनबी कहता है नासमझ अब भी मुझको, 
पिया है ज़ाम  साथ  में  तो हबीबी ही समझो!

©अनुराग "सुकून" हबीबी= प्रिय, Dear