Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम ये गर्दन को तिरछा कर के अपने बाल कांधों पर लात

तुम ये गर्दन को तिरछा कर के
अपने बाल कांधों पर लाती हो न 
सब समझता हूँ मैं

कभी मुझको झूठा गुस्सा दिखा के
छुप छुप के मुस्कुराती हो न
सब समझता हूँ मैं

कंगन कलाई पर घुमाते हुए जब
आईने के आगे रुक जाती हो न
सब समझता हूँ मैं

मुझसे नज़र कम ही मिलाती हो
मगर जब मिलाती हो न
सब समझता हूँ मैं

मेरा नाम लिए बिना आंखे बंद कर
जब मुझे ही गुनगुनाती हो न 
सब समझता हूँ मैं

चेहरे पर हाथ रख मेरे ही बारे में
जब सहेली को बताती हो न 
सब समझता हूँ मैं

रोज़ अलविदा कह कर मुझसे तुम
जो चुपके से ख्वाब में आती हो न
सब समझता हूँ मैं!!
तुम ये गर्दन को तिरछा कर के
अपने बाल कांधों पर लाती हो न 
सब समझता हूँ मैं

कभी मुझको झूठा गुस्सा दिखा के
छुप छुप के मुस्कुराती हो न
सब समझता हूँ मैं

कंगन कलाई पर घुमाते हुए जब
आईने के आगे रुक जाती हो न
सब समझता हूँ मैं

मुझसे नज़र कम ही मिलाती हो
मगर जब मिलाती हो न
सब समझता हूँ मैं

मेरा नाम लिए बिना आंखे बंद कर
जब मुझे ही गुनगुनाती हो न 
सब समझता हूँ मैं

चेहरे पर हाथ रख मेरे ही बारे में
जब सहेली को बताती हो न 
सब समझता हूँ मैं

रोज़ अलविदा कह कर मुझसे तुम
जो चुपके से ख्वाब में आती हो न
सब समझता हूँ मैं!!