Nojoto: Largest Storytelling Platform

वह दिन भी, क्या दिन थे! ©pratima chaubey लंबी दूर

वह दिन भी, क्या दिन थे!

©pratima chaubey लंबी दूरी  चल कर अपने कदमों से तय करने वाले लोग आज दो कदम कदम चलने  के लिए भी गाड़ी इस्तेमाल करते हैं! 
कलम और किताब की जगह आज लैपटॉप और मोबाइल ने ले ली! 
मिट्टी के  घरों को तोड़ आज इमारतों को जगह दे दी दी! 
पेड़ों और पौधों की  शीतल हवाओं ने आज ऐसी और कूलर को जगह दी
नाट्यगृह की जगह आज फिल्म इंडस्ट्री इंडस्ट्री ने   ले ली! 
खत् भेजने वाले आज मोबाइल पर वीडियो कॉल किया करते हैं
पहले  दोस्ती को दर्जा दिया जाता था  आजकल  फेक फ्रेंड का दर्जा दिया जाता है
मां के हाथों के  बने पकवान को आज स्विगी और जोमैटो का दर्जा दिया जा रहा है!
वह दिन भी, क्या दिन थे!

©pratima chaubey लंबी दूरी  चल कर अपने कदमों से तय करने वाले लोग आज दो कदम कदम चलने  के लिए भी गाड़ी इस्तेमाल करते हैं! 
कलम और किताब की जगह आज लैपटॉप और मोबाइल ने ले ली! 
मिट्टी के  घरों को तोड़ आज इमारतों को जगह दे दी दी! 
पेड़ों और पौधों की  शीतल हवाओं ने आज ऐसी और कूलर को जगह दी
नाट्यगृह की जगह आज फिल्म इंडस्ट्री इंडस्ट्री ने   ले ली! 
खत् भेजने वाले आज मोबाइल पर वीडियो कॉल किया करते हैं
पहले  दोस्ती को दर्जा दिया जाता था  आजकल  फेक फ्रेंड का दर्जा दिया जाता है
मां के हाथों के  बने पकवान को आज स्विगी और जोमैटो का दर्जा दिया जा रहा है!