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बचपन और लोरी पतंग थे धागे थे उड़ाने वाले हम बच्चे

बचपन और लोरी पतंग थे धागे थे उड़ाने वाले हम बच्चे थे
बचपन हमारा मिट्टी में गुज़रा मिट्टी जैसे सपने थे।

कंचे थे गोली थी लोरी सुनाने को मां भोली सी थी
बचपन हमारा गांव में गुज़रा उंट की सवारी डोली सी थी। #maa #challange #bachpanlori #lori
बचपन और लोरी पतंग थे धागे थे उड़ाने वाले हम बच्चे थे
बचपन हमारा मिट्टी में गुज़रा मिट्टी जैसे सपने थे।

कंचे थे गोली थी लोरी सुनाने को मां भोली सी थी
बचपन हमारा गांव में गुज़रा उंट की सवारी डोली सी थी। #maa #challange #bachpanlori #lori