परिंदों वाली ज़िन्दगी चाहता हर शख्स है ये ज़िन्दगी जहा ना हो कोई बंदगी मालिक हो अपनी मर्ज़ी के ना हो कोई हुक्म ना हो कोई बंदिश पर सोची किसी ने मां बहन बेटी की फरियाद जो चाहती ये परिंदों की सी उड़ान बाल उम्र में करा दी जाती उनकी शादी और बना दी जाती चार दिवारी की नौकरानी वो भी चाहती ज़िन्दगी परिंदों सी✍️✍️ मेरी कलम✍️✍️ परिंदों वाली ज़िंदगी याद करते हैं तो आसमान छोटा मालूम होता है। ख़ैर, वक़्त तो अभी भी है। जीने की कोई उम्र तो नहीं होती। Collab करें YQ Didi के साथ। #परिंदोंवालीज़िंदगी