हद से गुजर जाने की दीवानगी तलाश करता हूं, मैं पतझड़ में भी हरियाली की तलाश करता हूं। मैं अन्नदेखे को देखता और अनकहे को बयां करता हूं शायर हूं जनाब,में मौत में भी ज़िन्दगी की तलाश करता हूं। नृत्य गोपाल. ©Nritya Gopal Just an attempt to appreciate the works of all the poets and writers. #Morningvibes