White जब बोलती थी तो तुम्हें लड़ाई लगती थी। अब जब चुप हूं मैं तो तुम्हें मेरी खामोशी भी पसंद नहीं। हर बार मैं ही क्यूं तुम्हारी खुशी के लिए बदलूं जबकि तुम मेरी खुशी के लिए आज तक खुद को नहीं बदल पाए । ना, मैंने तुम्हें बदलने को भी कभी नहीं कहा। तुम जैसे थे जो थे , मेरी पसंद थे। पर तुम क्यों मुझे दूसरों की तरह बनाने पर अड़े हो ।मैं सिर्फ मैं रहना चाहती हूं किसी भीड़ का हिस्सा बनकर मैं खुद को खोना नहीं चाहती। पहले भी तो खो चुकी थी ना तुम्हारे लिए खुद को कई बार फिर भी तुम बदले, मैं नहीं। ©Kalpana Srivastava #Khusi महज़ MohiTRocK F44 विचित्र शायर