नौ महीने दर्द सह कर, वो तुम्हे इस दुनिया में लाती है। अपने बच्चे के आ जाने पे, वो कुछ पागल सी हो जाती है। वो उसके बच्चे का पहली बार बोलना हो, या पहली बार चलना। इतनी खुश होती है वो, कि खुशी के मारे आंसू बहाती है। उसके बच्चे पे ना उठे कोई सवाल, वो हर गलती खुद पे ले जाती है। कोई आंख उठा कर तो देखे उसकी संतान पे, वो दुनिया से लड़ जाती है। खुद अंगारों पे चल कर, वो अपने बच्चो को फूलों से सजाती है। अपने हर गम को पी कर, वो उन्हें खुशी से हंसाती है। खुद भुखे रह कर, वो उनको पेट भर खाना खिलाती है। अपने सारे गमो को हंसी में छुपा कर, अपने बच्चे की हंसी के पीछे का ग़म जान जाती है। रिश्ता कुछ इतना गहरा होता है मां से, कि दूर हो चाहे , फिर भी हर ग़म में बस मां ही याद आती है। खैर ख्वाहिशें और ख्वाब उसके भी तो होंगे? घूमने फिरने का शौंक उसका भी रहा होगा? नए कपड़े पहनने का मन उसका भी होता होगा? पर जबसे एक औरत एक मां बन जाती है, अपनी हर इच्छा वो अपने अंदर बसा जाती है। सब कुछ बस उसके बच्चो को ही मिले, सुबह शाम बस यही दुआ रब से मांगती है। गर त्याग देखना है तो वो एक मां का देखो, विश्वास देखना है तो वो एक मां का देखो। कितने ही गलत काम कर लो तुम, एक मां का प्यार कभी कम नहीं होगा। सिर्फ बच्चो के लिए ही तो जीती है वो, अपनी तो ज़िंदगी जीना है भूल जाती है वो। और जो बदनसीब लोग उस मां की कदर नहीं कर सकते, वो कितना कुछ कर ले, अपनी ज़िन्दगी में कुछ हासिल नहीं कर सकते।। #mothersday #motherslove #maa #motherisgod #hindipoems #poetry