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|| मेरी पुकार || मैं कितना बोझ सहन करूं ज

   || मेरी पुकार ||

  मैं कितना बोझ सहन करूं 
  जितनी हरियाली लाती हूं  !
  उतना ही मेरा दोहन होता है 
  हरे पेड़ को काटते वक्त !
   कुछ सोचा नहीं करते तुम !
   हे वत्स ! तेरे CNG मैं प्रदूषित हो जाती ...
  तेरे भारो को मैं सहनशीलता लेती !
   मैं यही सोचती हूं कि 
   वह राम राज्य कब आयेगा !
   जब चारों ओर सुगंधित हवा होगी ...
   वत्स उनके बीच रहेगी आपकी
     " धरती मां " ! !
 Earth Day
   || मेरी पुकार ||

  मैं कितना बोझ सहन करूं 
  जितनी हरियाली लाती हूं  !
  उतना ही मेरा दोहन होता है 
  हरे पेड़ को काटते वक्त !
   कुछ सोचा नहीं करते तुम !
   हे वत्स ! तेरे CNG मैं प्रदूषित हो जाती ...
  तेरे भारो को मैं सहनशीलता लेती !
   मैं यही सोचती हूं कि 
   वह राम राज्य कब आयेगा !
   जब चारों ओर सुगंधित हवा होगी ...
   वत्स उनके बीच रहेगी आपकी
     " धरती मां " ! !
 Earth Day
richamishra8100

Richa Mishra

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