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मुक्तक:– चंचल चंदा चंचल चंदा चुपके-चुपके, आये आधी

मुक्तक:– चंचल चंदा

चंचल चंदा चुपके-चुपके, आये आधी रात।

नैन निहारें निश्छलता से, प्यारे कोमल गात।

उसके निर्मल अहसासों से, बजे हृदय संगीत।

धड़काये जो दिल को मेरे, गये जाग जज्बात॥

©दिनेश कुशभुवनपुरी
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