आज मत पढ़िए कहानी सही नहीं है , मैंने कई बार सोचा लिख कर फेसबुक पर पोस्ट कर दूँलेकिन वो फेसबुक चलाती है या नहीं मुझे नहीं पता उस समय मैं तीन वर्ग में पढता था मेरी एक मौसी का घर उसी गाँव में था, गाँव का नाम था राम देवी मैं उसके गाँव गया हुआ था ,बगल में एक मंदीर था उस समय मुझे वह बहुत बड़ा मंदीर लगा ऱहा था मैं वहाँ उस मंदीर का मेला किर्तन देखने गया था शायद चैत या बैशाख का महीनाथा बचपन में मुझे नारियल सबसे ज्यादा पसंद था, और निधी दरवाजे पर बहुत सारे नारियल का पेड़ था उसी वक्त मैं सोचा था,