रोको मत कहने दो गम दिये हैं तुनें ,अश्को में बहनें दो तु मेरी आँखो का दिदार था कभी दिये जा दर्द तु,रोको मत सहने दो । * धिरे धिरे तुम भुल जाओगें एक दिन याद करो मत ,मुझे तो यादो में रहने दो । * बंदिसे भी टुटी हैं फासलें भी बिखरें हैं , दुर रहो तुम मुझसें ,मुझें अपने दिल में रहनें दो । * याद नही करता तुम्हे ,ये हो नही सकता कभी मत रूलाओ इतना ,अपनी तस्वीर मेरी आँखो में तो रहनें दो । * अकेले अकेले बैठकर तुम्हे सोच लिया करतें हैं कभी -2 कहा था तुनें मुझे ,अपने गलें सें लगे रहने दो । * नही चाहना तो मत चाहो ,पर तुम खुश रहना मारनें को छोड दिया ही,देख देख कर जिन्दा तो रहनें दो Dr Brahmanand Jaalap poet Dr brahmanand jaalap